प्रस्तावना
उत्तर प्रदेश सरकार ने बीते कुछ वर्षों में औद्योगिक विकास और निवेश को लेकर बड़े-बड़े कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक और बड़ा ऐलान किया है – “यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी” के अंतर्गत प्रदेश में 10 लाख से अधिक रोजगार सृजित किए जाएंगे।
यह ऐलान न केवल यूपी की अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि यह भारत को “वोकल फॉर लोकल” और ‘मेक इन इंडिया’ के लक्ष्य की ओर भी और मजबूती से अग्रसर करेगा।
यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स पॉलिसी क्या है?
यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी 2024 का उद्देश्य प्रदेश को “इलेक्ट्रॉनिक्स हब” बनाना है।
- इसमें मोबाइल फोन, लैपटॉप, चिप्स, सेमीकंडक्टर, एलईडी, स्मार्ट डिवाइसेस और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।
- सरकार निवेशकों को भूमि, बिजली, कर में छूट, सब्सिडी और आसान मंजूरी जैसी सुविधाएँ दे रही है।
- इस पॉलिसी का लक्ष्य है कि आने वाले 5 से 7 वर्षों में यूपी देश का सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन केंद्र बने।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ऐलान
लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में CM योगी ने कहा:
👉 “उत्तर प्रदेश अब निवेश और उद्योग का नया गढ़ बन चुका है। इलेक्ट्रॉनिक्स पॉलिसी के जरिए आने वाले समय में प्रदेश में 10 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा। यह रोजगार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों स्तरों पर होगा।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि:
- यूपी में पहले निवेशक आने से हिचकिचाते थे, लेकिन अब कानून-व्यवस्था और बुनियादी ढांचे की मजबूती के कारण बड़े-बड़े निवेशक यहाँ निवेश कर रहे हैं।
- इस पॉलिसी से न केवल रोजगार मिलेगा, बल्कि ग्लोबल सप्लाई चेन में भारत और यूपी की हिस्सेदारी भी बढ़ेगी।
रोजगार के अवसर कहाँ और कैसे बनेंगे?
1. मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट
- नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे क्षेत्र पहले से ही मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में विकसित हो रहे हैं।
- सैमसंग, ओप्पो, विवो जैसी कंपनियाँ यहाँ बड़े स्तर पर काम कर रही हैं।
- नई पॉलिसी से इन कंपनियों के साथ-साथ अन्य ग्लोबल कंपनियों को भी आकर्षित किया जाएगा।
2. सेमीकंडक्टर और चिप्स मैन्युफैक्चरिंग
- आज पूरी दुनिया में चिप्स की कमी एक बड़ी समस्या है।
- यूपी सरकार ने यमुना एक्सप्रेस-वे पर सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने के लिए जमीन आवंटित की है।
- इससे लाखों इंजीनियरों, तकनीशियनों और मजदूरों के लिए अवसर बनेंगे।
3. स्टार्टअप और MSME सेक्टर
- इलेक्ट्रॉनिक्स पॉलिसी का एक बड़ा फोकस स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना है।
- छोटे और मध्यम उद्यमों (MSME) को टेक्नोलॉजी और फंडिंग में मदद दी जाएगी।
- इससे युवाओं को न सिर्फ नौकरी मिलेगी बल्कि वे खुद उद्यमी (Entrepreneur) भी बन सकेंगे।
4. लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन
- उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ लॉजिस्टिक्स, ट्रांसपोर्ट, पैकेजिंग और डिस्ट्रीब्यूशन में भी लाखों रोजगार बनेंगे।
- ड्राइवर, ऑपरेटर, वर्कर और मिडिल लेवल मैनेजमेंट की मांग बढ़ेगी।
10 लाख रोजगार के स्वरूप
सरकार का दावा है कि इन रोजगारों में—
- प्रत्यक्ष रोजगार : कारखानों और यूनिट्स में काम करने वाले कर्मचारी।
- अप्रत्यक्ष रोजगार : ट्रांसपोर्ट, होटल, सर्विस, सप्लाई चेन, रिटेल, और अन्य सहायक उद्योग।
- हाई-स्किल रोजगार : इंजीनियरिंग, रिसर्च, आईटी और मैनेजमेंट के क्षेत्र में।
- लो-स्किल रोजगार : मजदूर, असेंबली लाइन वर्कर, पैकेजिंग वर्कर।
युवाओं के लिए सुनहरा मौका
- यूपी के लाखों इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक छात्र अब राज्य छोड़कर बाहर जाने की बजाय अपने ही प्रदेश में रोजगार पा सकेंगे।
- ITI और स्किल डेवेलपमेंट संस्थानों से पास आउट होने वाले युवाओं के लिए भी बड़ी संभावनाएँ हैं।
- खासकर महिलाओं के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर एक सुरक्षित और उपयुक्त क्षेत्र माना जाता है, जिससे महिला सशक्तिकरण को भी बल मिलेगा।
निवेशकों की प्रतिक्रिया
कई बड़े उद्योगपतियों और निवेशकों ने इस पॉलिसी का स्वागत किया है।
- उद्योग संगठन CII (Confederation of Indian Industry) और ASSOCHAM ने कहा है कि यूपी अब भारत का अगला “इलेक्ट्रॉनिक्स टाइगर” बन सकता है।
- विदेशी निवेशक भी यूपी में बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर, एयरपोर्ट, एक्सप्रेस-वे और बिजली आपूर्ति की सुविधा देखकर उत्साहित हैं।
चुनौतियाँ भी कम नहीं
हालांकि यह ऐलान ऐतिहासिक है, लेकिन चुनौतियाँ भी मौजूद हैं:
- स्किल गैप – इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में प्रशिक्षित जनशक्ति की कमी।
- ग्लोबल प्रतिस्पर्धा – चीन, वियतनाम जैसे देशों से मुकाबला।
- लॉजिस्टिक और सप्लाई चेन बाधाएँ – उत्पादन बढ़ाने के लिए सुगम व्यवस्था चाहिए।
- तकनीकी रिसर्च – भारत को चिप डिजाइन और रिसर्च में आत्मनिर्भर बनना होगा।
सरकार की रणनीति
सरकार ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं:
- स्किल डेवेलपमेंट सेंटर खोले जाएंगे।
- विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग और रिसर्च को प्रोत्साहित किया जाएगा।
- निवेशकों के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम लागू किया गया है।
- बिजली, पानी और अन्य बुनियादी सुविधाओं की निर्बाध आपूर्ति का वादा किया गया है।
“मेक इन इंडिया” और “डिजिटल इंडिया” से जुड़ाव
- यूपी की यह पॉलिसी केंद्र सरकार की मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत योजनाओं को मजबूती देती है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य है कि भारत दुनिया का इलेक्ट्रॉनिक्स हब बने।
- यूपी की पहल इस लक्ष्य की ओर एक मजबूत कदम है।
निष्कर्ष
यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स पॉलिसी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी सोच का परिणाम है।
- यह न केवल प्रदेश के लाखों युवाओं के लिए रोजगार का साधन बनेगी, बल्कि
- भारत को ग्लोबल स्तर पर एक इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण केंद्र बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।
आने वाले वर्षों में अगर यह पॉलिसी सही तरीके से लागू होती है, तो यूपी न केवल भारत, बल्कि एशिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉनिक्स हब बन सकता है।
इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था नई ऊँचाइयों पर पहुँचेगी और “नया उत्तर प्रदेश, आत्मनिर्भर भारत” का सपना साकार होगा।









